कैसे करें ओआरएस तैयार ?

  • ओआरएस तैयार करने से पहले साबुन से अच्छी तरह अपने हाथ धो लें।
  • ओआरएस घोल तैयार करने से पहले पैकेट पर लिखे दिशा-निर्देशों को अच्छी तरह पढ़ लें। छोटी पुड़िया को २०० मिलीलीटर और बड़ी पुड़िया को १ लीटर पीने के स्वच्छ पानी में घोलें. घोलने के बाद इसे उबालना नहीं है. बिलकुल सही नाप अत्यंत आवश्यक है. अगर आप पानी की उचित मात्रा नहीं डालेंगे तो इससे डायरिया का दुष्प्रभाव बढ़ सकता है।
  • ओआरएस घोल को केवल पानी में ही तैयार करें। दूध, सूप, फलों के रस और सॉफ्ट ड्रिंक के साथ इसका सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इसमें अतिरिक्त चीनी या ग्लूकोस पाउडर भी नहीं मिलाना चाहिए।
  • इस घोल को अच्छी तरह मिलाने के बाद एक साफ कप से बच्चे को पिलाएं। बोतल से इस घोल को नहीं पिलाना चाहिए।थोड़ी थोड़ी देर के अंतर से बताई गयी समयावधि में इस घोल को ख़त्म करना है. एक साथ बहुत अधिक मात्रा में पिलाने से नुकसान हो सकता है।
  • अगर बच्चा इसे पीकर उल्टी कर देता है तो १० मिनट रुककर उसे एक बार फिर ओआरएस दें। ओआरएस उलटी रोकने में भी मदद करता है।

पहले 4 घंटे में कितना “ओ आर एस” का घोल देना चाहिये?

पहले 4 घंटे में “ओ आर एस” का घोल का खुराक देने का हिसाब है 75 मिलीलिटर प्रति किलोग्राम बच्चे का वजन। उदाहरण के लिये, किसी बच्चे का वजन 10 किलोग्राम है, तो उसे 75 x 10 = 750 मिलीलिटर “ओ आर एस” का घोल देना चहिये।
अगर वजन नहीं मालूम है, तो उम्र के हिसाब से दे सकते हैं। इसकी सारणी नीचे दी गयी है। लेकिन फिर भी कोशिश यही करना चाहिये कि “ओ आर एस” का घोल वजन के हिसाब से दिया जाये। मतलब कि अगर बच्चे का वजन और उम्र दोनों मालूम है तो उसे घोल वजन के हिसाब से देना चहिये।

  • जन्म से 4 महीना उम्र तक या वजन 6 किलोग्राम से कम को 200 से 400 मिलीलिटर घोल देना चहिये।
  • 4 से 12 महीना उम्र तक या वजन 6 से 10 किलोग्राम तक को 400 से 700 मिलीलिटर घोल देना चहिये।
  • 1 से 2 साल उम्र तक या वजन 10 से 12 किलोग्राम तक को 700 से 900 मिलीलिटर घोल देना चहिये।
  • 2 से 5 साल उम्र तक या वजन 12 से 19 किलोग्राम तक को 900 से 1400 मिलीलिटर घोल देना चहिये।

दस्त लगने पर क्या ध्यान रखें

आपके डॉक्टर से ओ आर एस तैयार करने और पिलाने की विधि समझ कर इसका उपयोग करें
दस्त को बंद करने वाली दवाइंया हानिकारक होती हैं, बच्चे की अंतड़ियों को शिथिल कर देती हैं और पेट फूलने का खतरा बन जाता है. इनसे श्वांस में भी परेशानी आ सकती है.

डॉक्टर को दिखाएँ यदि:

  • आपका बच्चा सुस्त पड़ने लगे
  • उसका पेट फूलने लगे
  • उसकी उल्टियाँ न रुके और वह ओ आर एस की बताई गयी मात्रा न ले सके
  • उसकी साँस जल्दी जल्दी चलने लगे
  • पेशाब कम होने लगे ( बच्चे को हर ४-६ घंटें में खुल कर पेशाब होनी चाहिए)

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